सागर से मैंने जब मोती का पुछा ,
हंस कर वो बोला की यह मेरा है सब से प्यारा गहना
सूरज से जब मैंने ज्योति का पुछा,
खुश होकर वो बोला की इसके बिना मेरा क्या जीना
नदिया से पुछा किस में दिल है बस्ता
वो बोली की जब बन जाता मेरा प्यारा झरना
फूलों से पुछा बता मुझको क्यूँ तेरा है खिलना
हवा संग खेलना, खुशबू बिखेरना , भवरों को सताना , ये है मेरा जीना
चंदा से पुछा बता ज़रा तेरा क्या है कहना
रातों को आना, सितारों संग लुभाना, लहरों को मचलना , कुछ सताना , फिर छिप जाना
.
परबत से जब पुछा बता क्या है तेरा इतराना
ऊचा उठ जाना, गगन से बतियाना , बादलों से टकराना , मेह बरसना.
पंच्छी से पुछा बता कहाँ है तेरा ठिकाना
अम्बर पर उड़ना , हवाओं में बहना , गीत गुनगुनाना
और फिर सब ने ये पुछा अब तुम ये बताओ कहाँ दिल तुम्हारा है लगता
.मेरा है कहना तुम सब से बड़ा है मेरे जीवन का गहना वो है मेरी बहना
समंदर से गहरा है उसका प्यार , चट्टानों से अटल है उसका विश्वास
फूलों से कोमल , बादलों से हल्का , नदिया सा चंचल एहसास है वो
चंदा , सूरज , सितारों से बढ़कर .ज़मी पर आकाश है वो
मेरी बहना , मेरी बहना
तुम्हारे जन्म दिन के शुभ अवसर पर - एक भाई की ओर से भेट .
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